Friday, October 14, 2011

roshni

मै चिराग के जैसे जलती हु
अंधेरे से डरती हु
आशा की लौं है हरदम रोशन 
ख्वाबो की दुनिया में रहती हु
हकीकत से अंजन नहीं मै
हवाओ के संग चलती हु'
असमान से बाते करती हु
फूलो से रंग बटोरती हु
खिलती हु कलिओ की भांति
चंदासी शीतल है बाते
महकती हु मै चहकती हु
मै ROSHNI हु 
रोशन हर पल रहती हु

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